सवाल ये नहीं की मैं कौन हूँ,
जिरह ये है की मैं क्या हूँ ?
क्या मैं वो किलकारी हूँ, जो मेरे वजूद लेते ही निकली,
या मैं वो बात हूँ, जिसमे मैं बयां हूँ?
क्या मैं वो नाम हूँ जिससे मेरे वाल्देन ने मुझे पुकारा,
या मैं वो एहसास हूँ, जो अक्सर मुझे होता है,
क्या मैं वो ख़ुशी हूँ, जिसकी सदा मुझे तलाश है,
या मैं वो लम्हा हूँ, जिसमे मैं बिखर गया,
या शायद मैं वो अश्क हूँ,
जो मैंने आँख से छलकने न दिया,
क्या मैं वो दिलासा हूँ, जो तुम्ने मुझे दिया
या मैं वो हौसला हूँ, जो बक्शा खुदा ने,
क्या मैं वो कदम हूँ, जो ज़िन्दगी की राह पर
मुसल्सल अपने निशां छोड़ रहा है,
या मैं वो उम्मीद हूँ, जो इस खुदाई को मुझ से है,
मैं हर लम्हे मैं बदलता एक अक्स हूँ,जिसका वजूद तुम्हारे रुख-ऐ-नूर से है!!
मैं तुम्हारे अंदाज़-ऐ-बयां की लहरों पर
गोते खाता एक भाव हूँ , जो लुत्फ़ तो देता है
पर धुआं हो जाता हैं,
कायम होने से पहले!
मैं शायद जज्बातों का एक फार्मूला हूँ,
जिसकी खोज अभी होनी है!!
जिरह ये है की मैं क्या हूँ ?
क्या मैं वो किलकारी हूँ, जो मेरे वजूद लेते ही निकली,
या मैं वो बात हूँ, जिसमे मैं बयां हूँ?
क्या मैं वो नाम हूँ जिससे मेरे वाल्देन ने मुझे पुकारा,
या मैं वो एहसास हूँ, जो अक्सर मुझे होता है,
क्या मैं वो ख़ुशी हूँ, जिसकी सदा मुझे तलाश है,
या मैं वो लम्हा हूँ, जिसमे मैं बिखर गया,
या शायद मैं वो अश्क हूँ,
जो मैंने आँख से छलकने न दिया,
क्या मैं वो दिलासा हूँ, जो तुम्ने मुझे दिया
या मैं वो हौसला हूँ, जो बक्शा खुदा ने,
क्या मैं वो कदम हूँ, जो ज़िन्दगी की राह पर
मुसल्सल अपने निशां छोड़ रहा है,
या मैं वो उम्मीद हूँ, जो इस खुदाई को मुझ से है,
मैं हर लम्हे मैं बदलता एक अक्स हूँ,जिसका वजूद तुम्हारे रुख-ऐ-नूर से है!!
मैं तुम्हारे अंदाज़-ऐ-बयां की लहरों पर
गोते खाता एक भाव हूँ , जो लुत्फ़ तो देता है
पर धुआं हो जाता हैं,
कायम होने से पहले!
मैं शायद जज्बातों का एक फार्मूला हूँ,
जिसकी खोज अभी होनी है!!