Friday, June 18, 2021

गुंडागर्दी भगवान की!

 गुंडागर्दी भगवान की!

जबसे पैदा हुआ 
डरा के रखा!
अगर कुछ पाना है 
तो पूजा करो 
गर सलामती चाहते हो 
तो झुको, हाथ जोड़ो 
ख़ुशी चाहिए 
तो चढ़ावा चढ़ाओ 
फूल चढ़ाओ!

और जब मिल गया 
तो फिर शुक्राना दो 
नहीं तो छीन लिया जायेगा 
या दंड मिलेगा!

और ये सब करके भी नहीं मिला 
तो तुम्हारी शिद्दत में कमीं थी, 
तुमने पूरी आस्था से नहीं किया 
तुमने कर्म तो किया ही नहीं!

नहीं मिलने पर अगर सोचा 
कि ये सब तो व्यर्थ है 
तो परेशानी खड़ी कर दी जाएगी 
सब अस्त-व्यस्त कर दिया जायेगा 
अपने भविष्य के लिए 
भक्ति जारी रखो 
जो दिया है 
उसके लिए शुक्रगुज़ार रहो 
तुम ज़िंदा हो 
इसके लिए खुश रहो 
और सेवा करो!

सच्चे मन से मांगी दुआ भी पूरी न हुई,
तुम उसके काबिल ही न थे 
कर्मों का फ़ल है 
अपनी औकात से ज़्यादा माँगा!

अब तुम्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं ?
जान तो एक दिन जानी है 
तो फिर क्यों करें ये इल्तजा 
तुम्हारी नस्ल के लिए 
तुम्हारी औलाद के लिए 
उनकी सलामती के लिए 
उनकी खुशहाली के लिए !


अपनी ज़िन्दगी के आग़ाज़ से अंजाम तक 
डर के रहो 
डर के जियो 
इबादत करो 
कोई कहीं बैठा तुम्हें आंक रहा है 
तुम्हारे मन के गोदाम में भी झाँक रहा है 
कोई ख्याल भी ज़हन में बिगड़ा 
तो वो अंक काट लेगा 
और तुम्हारे कितने अंक है 
इसका इल्म न होगा  
मौत तक 
और शायद कज़ा के बाद भी 
करो ये यकीन 
की  उसकी ही महर  से 
ग़म है , और होते हो शाद भी 
ता उम्र तौहीद परस्त  रहो 
नफ़ा -नुक्सान  अनदेखा करो 
बस यकीन करो 
उसकी  रूहानी ताक़त पर 
होने पर बर्बाद भी!



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