Sunday, April 14, 2013

aarzoo-e- ishq

ना वो रात हुई
ना वो बरसात हुई,
हद तो ये है दोस्तों
कि ना ही वो मुलाक़ात हुई
रात से पहले
शाम-ए -ज़िन्दगी आ पहुंची
आरज़ू -ए -इश्क
की कहाँ हमें नसीब
निशात हुई

यूं तो बहुत मिले
दोस्त, ग़मख़्वार , हमसफ़र
ज़िन्दगी एक पूरी बिसात हुई
बस वोही हसीं नहीं मिली
जिसकी थी दरख्वास्त हुई
और जो मिली
वो किसी इश्क से पहले ही
शरीक़ -ए -हयात हुई

अब करें तो क्या करें
और तब करते तो क्या करते
ना पहले हिमाक़त हुई
न अब हिज़ाक़त हुई
आशिक़ तो बन ना सके
जो हुई तो बस
आशिकों सी हालत हुई

मिज़ाज़ रुमानि
अंदाज़ रुहानि
यूं भी होती  है दोस्तों कभी
जो मेरे साथ हुई
कि  अपनी ही ना कोई
सिकाहत हुई
ना वो रात हुई
न वो बरसात हुई!

few  word  meanings
निशात - ख़ुशी
ग़मख्वार - जो दुःख बांटे
शरीक ए  हयात - लाइफ पार्टनर
हिमाकत - जुर्रत
हिज़ाकत - wisdom
सिकाहत - reliability

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