आवाज़- ए-परवाज़-ए -बुलंदी
ये परिंदा यक़ीनन सुकूँ में है
पर तजस्सुस इसके भी खूं में है
एक अदना सी हवा की लहर
इसके पंखों को परवाज़ देती है
इसे भी कोई बुलंदी आवाज़ देती है
शायद वो लम्हा आने को है
अब कोई नया रंग
फ़लक में छाने को है!
यक़ीनन अब वो दुनिया बनने को है
ग़र कुछ और कदम हम साथ चले
अहलियत अब ज़्यादा नहीं
बस कुछ और तेरी-मेरी बात चले!
Word meaning: Tajassus: curiosity. Parwaaz- flight, ahliat - effort
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